Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2024 · 1 min read

भाग्य की लकीरों में क्या रखा है

भाग्य की लकीरों में क्या रखा है
हाथ अपने उठा कर तो देख
झोली ना फैला उम्मीद ना रख
कभी खुदा से ना खुदा के बंदों से
मंजिल मिलेगी क्यों नहीं भला
दो कदम अपने बढ़ाकर तो देख

1 Like · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

4660.*पूर्णिका*
4660.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समिधा सार
समिधा सार
Er.Navaneet R Shandily
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
सकारात्मकता
सकारात्मकता
Sangeeta Beniwal
- गजब हो गया -
- गजब हो गया -
bharat gehlot
कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या
Sudhir srivastava
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*मस्ती को कब चाहिए, धन-दौलत-भंडार (कुंडलिया)*
*मस्ती को कब चाहिए, धन-दौलत-भंडार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में
उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में
Bhupendra Rawat
"मेहंदी"
Shashi kala vyas
इस तरह से भी,,
इस तरह से भी,,
रश्मि मृदुलिका
झूठ की जीत नहीं
झूठ की जीत नहीं
shabina. Naaz
दोहे- मोबाइल पर
दोहे- मोबाइल पर
आर.एस. 'प्रीतम'
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
हमेशा एक स्त्री उम्र से नहीं
शेखर सिंह
ताजमहल
ताजमहल
Juhi Grover
People often dwindle in a doubtful question,
People often dwindle in a doubtful question,
Chaahat
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
Meenakshi Masoom
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
"स्पीड ब्रेकर"
Dr. Kishan tandon kranti
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
जो बालक मातृभाषा को  सही से सीख  लेते हैं ! वही अपने समाजों
जो बालक मातृभाषा को सही से सीख लेते हैं ! वही अपने समाजों
DrLakshman Jha Parimal
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
Abhishek Soni
दुख ही दुख है -
दुख ही दुख है -
पूर्वार्थ
अपना  पथ  स्वयं  बनाओ।
अपना पथ स्वयं बनाओ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Kumar Agarwal
हौसला क़ायम रखना
हौसला क़ायम रखना
Shekhar Chandra Mitra
बेसब्री
बेसब्री
PRATIK JANGID
खेल
खेल
राकेश पाठक कठारा
....राम के जैसे संघर्ष पथ पर चलना होगा..
....राम के जैसे संघर्ष पथ पर चलना होगा..
rubichetanshukla 781
Loading...