हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
तुम में और मुझ में कौन है बेहतर?
ये खूबसूरत जहां , मिलेंगे कहां ।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सत्यानाशी सोच जिमि,खड़ी फसल पर मेह .
WhatsApp पर इतने लोग हमसे जुड़े है फिर भी सभी लोगो द्वारा हम
गांव में जब हम पुराने घर गये,
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।