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21 Aug 2024 · 1 min read

कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,

कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
ज़िंदगी तेरा शुक्रिया अदा करने हाथों में गुलाब रखते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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