भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी
जिंदगी को रोशन करने के लिए
राह चलने से ही कटती है चला करते हैं।
sp52 जीजा से फूफा/ दूल्हा बैठ गया
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वह नारी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
शीर्षक – मन मस्तिष्क का द्वंद
हमें परिवर्तन के मार्ग से जुड़ना होगा, हम पहले से यहां पूर्ण
"हम आंखों से कुछ देख नहीं पा रहे हैं"
"मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे"
तेरी दुनिया को ही अपना घरबार समझते हैं,
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
ये खूबसूरत जहां , मिलेंगे कहां ।
मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो