Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2024 · 1 min read

लोगों को सत्य कहना अच्छा लगता है

लोगों को सत्य कहना अच्छा लगता है
अपना नहीं दूसरों का
_ सोनम पुनीत दुबे

99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
View all

You may also like these posts

तन्हायी
तन्हायी
Dipak Kumar "Girja"
दोस्ती
दोस्ती
Phool gufran
*दुश्मन हिंदुस्तान के, घोर अराजक लोग (कुंडलिया)*
*दुश्मन हिंदुस्तान के, घोर अराजक लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एक दिन इतिहास लिखूंगा
एक दिन इतिहास लिखूंगा
जीवनदान चारण अबोध
सच तो ये भी है
सच तो ये भी है
शेखर सिंह
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
रूबरू
रूबरू
ललकार भारद्वाज
दोहा षष्ठक. . . . . विविध
दोहा षष्ठक. . . . . विविध
sushil sarna
हाल-ए-दिल तुमको बताना चाहें।
हाल-ए-दिल तुमको बताना चाहें।
Dr fauzia Naseem shad
★ख़्याल ए राकेश सर ★
★ख़्याल ए राकेश सर ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
रूबरू न कर
रूबरू न कर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्रेष्ठ भावना
श्रेष्ठ भावना
Raju Gajbhiye
विनती
विनती
कविता झा ‘गीत’
खेती कर आतंक का, खोज रहे हैं चैन।
खेती कर आतंक का, खोज रहे हैं चैन।
संजय निराला
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
लक्ष्य फिर अनंत है
लक्ष्य फिर अनंत है
Shekhar Deshmukh
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है
डॉ. एकान्त नेगी
- बाप और बेटी का रिश्ता फूल और माली सा है -
- बाप और बेटी का रिश्ता फूल और माली सा है -
bharat gehlot
सूरज का होना
सूरज का होना
पूर्वार्थ
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
जहां आस्था है वहां प्रेम है भक्ति है,
Ravikesh Jha
2821. *पूर्णिका*
2821. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझको दिया गुलाब
मुझको दिया गुलाब
RAMESH SHARMA
दारुबाज बाराती
दारुबाज बाराती
आकाश महेशपुरी
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
😊आज का सच😊
😊आज का सच😊
*प्रणय प्रभात*
.
.
लक्ष्मी सिंह
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
SUNIL kumar
कर्मयोगी करें इसकी व्याख्या।
कर्मयोगी करें इसकी व्याख्या।
Acharya Shilak Ram
Loading...