तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
“मन में घर कर गया हो अगर,
- तुम्हे ऐसा लिखा करेंगे -
मेरी खामोशियां मुहाफ़िज़ हैं
शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
नस नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....