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7 Aug 2024 · 1 min read

कर लेगा

दिल तो पागल है गुनाह कर लेगा
खुद को हौले से तबाह कर लेगा

गम से राब्ता है अब उसका ऐसा
इक दिन उससे निकाह कर लेगा

सुफ़ेद रंग का आदी था अरसे से
बदला ऐसा है के स्याह कर लेगा

काम व धाम से क्या लेना इसको
इल्म है इसको के निगाह कर लेगा

रगों में बहती है मोहब्बत यारों
दर्द होगा तो आह भर लेगा

दर्द कितना है इसे इल्म भी नहीं
दर्द टपकेगा तो छाह कर लेगा??

दिल तो पागल है गुनाह कर लेगा
खुद को हौले से तबाह कर लेगा

-सिद्धार्थ गोरखपुरी

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