Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

Dekho Bander bantta

देखो बंदर बांटता

रोटी का टुकड़ा मिला, लड़ी बिल्लियां खूब।
आपा धापी में पड़ी, गई लोभ में डूब।।

झगड़ा सुनकर आ गया, चातर बंदर एक।
मैं सुलझाऊं मत लड़ो, बैठ गया ला टेक।।

देखो बंदर बांटता, लिए तराजू हाथ।
तोड़ तोड़ कर खा रहा, जो जो लागा हाथ।।

झुकता पलड़ा देख कर, तोड़ी उसने कौर।
बिल्ली दोनों देखती, लगे चोर पर मोर।।

बंदर रोटी खा गया, लगा नहीं कुछ हाथ।
अब पछताए क्या बने, लड़ लड़ फूटे माथ।।

लड़ना भिड़ना छोड़ दे, कर आपस में प्यार।
वैर भाव को भूल कर, छोड़ सभी तकरार।।

सिल्ला बंदर बांट से, हो अपना नुकसान।
बंदर करता न्याय कब, पूरा है शैतान।।

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

■आज का मुक्तक■
■आज का मुक्तक■
*प्रणय प्रभात*
Grok के प्रति सतर्कता ज़रूरी
Grok के प्रति सतर्कता ज़रूरी
अरशद रसूल बदायूंनी
"तकलीफों के साये"
Dr. Kishan tandon kranti
Herons
Herons
Buddha Prakash
मरने से पहले मरना क्या ?
मरने से पहले मरना क्या ?
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
फकीर का बावरा मन
फकीर का बावरा मन
Dr. Upasana Pandey
कवियों का अपना गम
कवियों का अपना गम
goutam shaw
सुख धाम
सुख धाम
Rambali Mishra
बंदिशें इस क़दर रहीं दिल की
बंदिशें इस क़दर रहीं दिल की
Dr fauzia Naseem shad
ये कैसा घर है ....
ये कैसा घर है ....
sushil sarna
I Love To Vanish Like A Shooting Star.
I Love To Vanish Like A Shooting Star.
Manisha Manjari
सोचता हूँ
सोचता हूँ
शशांक पारसे "पुष्प"
सुकून की तलाश ने, प्रकृति की भाषा सिखा दी।
सुकून की तलाश ने, प्रकृति की भाषा सिखा दी।
श्याम सांवरा
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
मंझधार
मंझधार
Roopali Sharma
अध्यात्म
अध्यात्म
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
Neelofar Khan
कीमत
कीमत
Ashwani Kumar Jaiswal
इसीलिए मैं तुमसे प्यार नहीं करता
इसीलिए मैं तुमसे प्यार नहीं करता
gurudeenverma198
अदरक
अदरक
ललकार भारद्वाज
यह ख्वाब
यह ख्वाब
Minal Aggarwal
बहुजन अथवा ओबीसी साहित्य बनाम दलित साहित्य / मुसाफ़िर बैठा
बहुजन अथवा ओबीसी साहित्य बनाम दलित साहित्य / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
राम सीता
राम सीता
Shashi Mahajan
नदी किनारे
नदी किनारे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गीत
गीत
Shiva Awasthi
कलम बिकने नहीं देंगे....
कलम बिकने नहीं देंगे....
दीपक श्रीवास्तव
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
गीत
गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
होली(दुमदार दोहे)
होली(दुमदार दोहे)
Dr Archana Gupta
कसक
कसक
Dipak Kumar "Girja"
Loading...