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6 Aug 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,

🌻🏵️🌹🌼🌺🌻🏵️
दिनांक _ (06/08/2023)
बह्र _ 2122 2122 2122 212
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
🌹 ग़ज़ल 🌹
1,,,
याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
बैठ चारों यार का वो , खिलखिलाना दोस्तों ।
2,,,
आपदा आए अगर , घबरा न जाना दोस्तों ,
हो घड़ी दुख की तो उनके पास जाना दोस्तों ।
3,,,
महफिलों की धूम है ,आएंगे शायर भी सभी,
चौक में भी लग गया है , शामियाना दोस्तों ।
4,,,
चटपटी चटनी के सँग ,आए समोसे भी बहुत,
खायेंगे सब मिल के ,मौसम है सुहाना दोस्तों ।
5,,,
ज़िंदगी यारों बिना,अच्छी नहीं लगती कभी ,
रूठ जाएं यार गर, उनको मनाना दोस्तों।
6,,,
लग गई चौपाल यारों का ,इधर आना हुआ ,
मस्तियाँ करते सभी, दिल आशिकाना दोस्तों ।
7,,,
आ रहीं ठंडी हवाएं ,साथ लेकर रोग को ,
ज़ुल्म हो मौसम का तब खुद को बचाना दोस्तों ।
8,,,
खुद में इतना हौसला रखना हमेशा आप भी ,
दे सको बे – घर को , रहने का ठिकाना दोस्तों ।
9,,,
आँच आए देश पे गर ,” नील ” रुकना तुम नहीं,
चल पड़ेंगे हम उधर , शाना ब शाना दोस्तों ।

✍️ नील रूहानी ,,,,06/08/23,,
( नीलोफर खान )

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