Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2024 · 1 min read

कातिल उसकी हर अदा,

कातिल उसकी हर अदा,
कमसिन उसके ख्वाब ।
आतिश बन कर आ गया,
भीगा हुआ शबाब ।।
सुशील सरना / 4-8-24

148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

फलक के सितारे
फलक के सितारे
शशि कांत श्रीवास्तव
फरेब की दुनिया में, क्या फरेबी बनूँ मैं।
फरेब की दुनिया में, क्या फरेबी बनूँ मैं।
श्याम सांवरा
मुझे मेरी पहचान चाहिए
मुझे मेरी पहचान चाहिए
MEENU SHARMA
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
Dr MusafiR BaithA
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
Shweta Soni
जिंदगी
जिंदगी
उमेश बैरवा
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
डॉक्टर रागिनी
जय जोहार
जय जोहार
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अब न रूप न रंग
अब न रूप न रंग
Suryakant Dwivedi
उदास हो गयी धूप ......
उदास हो गयी धूप ......
sushil sarna
"आक्रात्मकता" का विकृत रूप ही "उन्माद" कहलाता है। समझे श्रीम
*प्रणय प्रभात*
कलम सी है वो..
कलम सी है वो..
Akash RC Sharma
*अखबार रोज पढ़ता हूॅं मैं (राधेश्यामी छंद)*
*अखबार रोज पढ़ता हूॅं मैं (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
खट्टे अंगूर
खट्टे अंगूर
Vijay kumar Pandey
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
Manju sagar
* मुक्तक* *
* मुक्तक* *
surenderpal vaidya
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
गा ले पावन नाम
गा ले पावन नाम
Dr.sima
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
करवा चौथ पर एक गीत
करवा चौथ पर एक गीत
मधुसूदन गौतम
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
अश्विनी (विप्र)
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
युद्ध
युद्ध
पूर्वार्थ
अब तुम मुझमें घर करते जा रहे हो।
अब तुम मुझमें घर करते जा रहे हो।
Madhu Gupta "अपराजिता"
अब भी कहता हूँ
अब भी कहता हूँ
Dr. Kishan tandon kranti
दिल की दुनिया सबसे अलग है
दिल की दुनिया सबसे अलग है
gurudeenverma198
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
3108.*पूर्णिका*
3108.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
****बारिश की बूंदें****
****बारिश की बूंदें****
Kavita Chouhan
Loading...