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4 Aug 2024 · 1 min read

जासूस दोस्त

बचपन की कितनी भी छोटी सी बात हो
मीठी होती हैं यादें जो भी हालात हो

मिट्टी में गिरते झट पट उठ जाते थे
जासूस दोस्त देखते दिन भर चिढ़ाते थे

रेन कोट पहन बारिश का इंतजार
दोस्तों के छातों में बरसता था प्यार

हैसियत नहीं छोटे से मुक्के का रौब था
दोस्तों को बचाना सबसे बड़ा जॉब था

दुनियाँ के जन्मदिन गुल्लक मनाती थी
हमें खुशियाँ देती खुद टूट जाती थी

झगड़े पर गिफ्ट भले ही लौटाते थे
पर अगली शाम खेलने फिर आजाते थे

रेस हारने जीतने पर रोज़ होती तकरार
लेकिन नहीं बदलता था अपनापन व्यवहार

बचपन की कितनी भी छोटी सी बात हो
मीठी होती हैं यादें जो भी हालात हो ,,,,

– क्षमा उर्मिला

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