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4 Aug 2024 · 1 min read

” बेघर “

” बेघर ”
पूछना दर्द उससे
जिसके घर नहीं होते,
उजाड़ना मत
कभी पक्षियों का नीड़
वरना ये अपराध
रब की अदालत में
कभी क्षम्य नहीं होते।

2 Likes · 2 Comments · 167 Views
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