Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

डमरू वर्ण पिरामिड

डमरू वर्ण पिरामिड

प्रतिभा का मानव
बहुत बड़ा है
सदा खड़ा है
दिखता है
ध्वज ले
आगे
ही


रोक
टोक है
कौन उसे
छू सकता है
कहीं नहीँ वह
रुकता,बढ़ता है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तुम बिखेरो मुझे जी भरकर,
तुम बिखेरो मुझे जी भरकर,
लक्ष्मी सिंह
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
Kanchan Alok Malu
"सूरत और सीरत"
Dr. Kishan tandon kranti
औकात एक ऐसी चीज है,
औकात एक ऐसी चीज है,
पूर्वार्थ
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
समय की पुकार
समय की पुकार
Shyam Sundar Subramanian
दोहा पंचक. . . . . नेता
दोहा पंचक. . . . . नेता
sushil sarna
ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं,
ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं,
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
लफ्ज़ों की जिद्द है कि
लफ्ज़ों की जिद्द है कि
Shwet Kumar Sinha
दोहा बिषय- महान
दोहा बिषय- महान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेमी ने प्रेम में हमेशा अपना घर और समाज को चुना हैं
प्रेमी ने प्रेम में हमेशा अपना घर और समाज को चुना हैं
शेखर सिंह
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
खामोश
खामोश
Kanchan Khanna
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
- अभी -अभी -
- अभी -अभी -
bharat gehlot
कैसी यह मुहब्बत है
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
कितना अच्छा था बचपन
कितना अच्छा था बचपन
shabina. Naaz
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
मेरे अशआर
मेरे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
अब तुझपे किसने किया है सितम
अब तुझपे किसने किया है सितम
gurudeenverma198
3214.*पूर्णिका*
3214.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
ଆସନ୍ତୁ ଲଢେଇ କରିବା
ଆସନ୍ତୁ ଲଢେଇ କରିବା
Otteri Selvakumar
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
Loading...