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1 Aug 2024 · 1 min read

मेरी पावन मधुशाला

डॉ0 रामबली मिश्र कृत मेरी पावन मधुशाला

साधारण जीवन जीने की,शिक्षा देता है प्याला;
दुखियों की रक्षा करने का, आग्रह करती है हाला;
सभी प्राणियों के भीतर है,रचा-बसा मेरा साकी;
विश्व!तुम्हारा अभिनंदन,करती है मेरी मधुशाला।

जिस भारत की संस्कृति में है,करुण भावना की हालत;
जिस भारत के दर्शन में है,सुन्दर-सुखद-शांत प्याला;
जिस भारत के चिंतन में है,परम विराट पुरुष साकी;
उस भारत के कण-कण में है,मेरी पावन मधुशाला।
रचनाकार:डॉ0 रामबली मिश्र,हरिहरपुर ,वाराणसी -221405

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