Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

*******प्रेम-गीत******

*******प्रेम-गीत******
********************

लबों पर तेरा नाम है,
सुबह से ले कर शाम है,
हुआ दिल पागल मस्ताना,
पल भर चैन ना आराम है।

चाँद तारे सारे लुटा दूँ,
फूलों को गेसू में सजा दूँ,
प्यार हो गया सरेआम है।
पलभर चैन ना आराम है।

चाहूँ कितना कैसे बताऊँ,
नींद ना आए सो ना पाऊँ,
ख्यालों में खोना आम है।
पलभर चैन ना आराम है।

ख्वाबों की है तू शहजादी,
दर खड़ा तुम्हारे फरियादी,
प्रेम का दे दिया पैगाम है।
पलभर चैन ना आराम हैं।

नैनो में छाया रहता नशा,
तुम बिन रहूँ मै कैसे बता,
मय से भर हुआ जाम है।
पलभर चैन ना आराम है।

मनसीरत की है जाने जहां,
यहाँ वहाँ ढूंढूँ तेरे निशां,
दिल का नगर मेरा धाम है।
पलभर चैन ना आराम है।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"दोस्ती-दुश्मनी"
Dr. Kishan tandon kranti
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
डॉ0 मिश्र का प्रकृति प्रेम
डॉ0 मिश्र का प्रकृति प्रेम
Rambali Mishra
3591.💐 *पूर्णिका* 💐
3591.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
राह मुश्किल हो चाहे आसां हो
Shweta Soni
'डोरिस लेसिगं' (घर से नोबेल तक)
'डोरिस लेसिगं' (घर से नोबेल तक)
Indu Singh
अवध में राम आये हैं
अवध में राम आये हैं
Sudhir srivastava
तुमसे मिला बिना
तुमसे मिला बिना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जब मैं ही नहीं
जब मैं ही नहीं
Iamalpu9492
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
gurudeenverma198
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
रुपेश कुमार
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
दीपक बवेजा सरल
कभी कभी
कभी कभी
Sûrëkhâ
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
Sahil Ahmad
बिरहा
बिरहा
Shally Vij
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
अबोध बालक
अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सताया ना कर ये जिंदगी
सताया ना कर ये जिंदगी
Rituraj shivem verma
क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये
क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये
Saraswati Bajpai
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
कवि रमेशराज
महिला दिवस
महिला दिवस
sheema anmol
🙅एकहि साधे सब सधे🙅
🙅एकहि साधे सब सधे🙅
*प्रणय प्रभात*
Happy New year to all my dear friends 🌹💖
Happy New year to all my dear friends 🌹💖
Neelofar Khan
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
खुद को समझ सको तो बस है।
खुद को समझ सको तो बस है।
Kumar Kalhans
शीर्षक -मन करता है मैं सब लिखूं।
शीर्षक -मन करता है मैं सब लिखूं।
shashisingh7232
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
Loading...