Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 1 min read

शिव

शिव
प्यारी गौरी
भक्ति भाव संग
शरण तुम्हारी
आई।

सावन
रिमझिम फुहारें
शिव – शक्ति वंदन
लीन होती
जाऊं।

शक्ति
शरण जाकर
शुचिता शुभदा मिलती
मातृ वंदन
करती।

महादेव
संग शक्ति
जलती ज्ञान ज्योति
करती शुचि
भक्ति।
डॉ माधवी मिश्रा ‘शुचि ‘

1 Like · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"मत पूछो"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी भी वार्तालाप की यह अनिवार्यता है कि प्रयुक्त सभी शब्द स
किसी भी वार्तालाप की यह अनिवार्यता है कि प्रयुक्त सभी शब्द स
Rajiv Verma
वेलेंटाइन डे स्पेशल
वेलेंटाइन डे स्पेशल
Akash RC Sharma
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माँ
माँ
Ayushi Verma
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
शेखर सिंह
कबीरा कह गये हो तुम मीठी वाणी
कबीरा कह गये हो तुम मीठी वाणी
Buddha Prakash
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
वो नाकामी के हजार बहाने गिनाते रहे
नूरफातिमा खातून नूरी
धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी।
धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी।
Madhu Gupta "अपराजिता"
जंगल जा रहे हैं
जंगल जा रहे हैं
Mahender Singh
अपने दर्द भी छुपाने पड़ते हैं
अपने दर्द भी छुपाने पड़ते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बुरा किसी को नहीं समझना
बुरा किसी को नहीं समझना
Rambali Mishra
योजनानां सहस्रं तु शनैर्गच्छेत् पिपीलिका
योजनानां सहस्रं तु शनैर्गच्छेत् पिपीलिका
पूर्वार्थ देव
तुझसे मिलने के बाद
तुझसे मिलने के बाद
Sakhi
नजाकत का भ्रम पाल करके रखिए।
नजाकत का भ्रम पाल करके रखिए।
Dr.sima
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
हाइकु -तेरे भरोसे
हाइकु -तेरे भरोसे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पते की बात - दीपक नीलपदम्
पते की बात - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आप से उम्मीद हम कैसे करें,
आप से उम्मीद हम कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
मैं सोच रही थी...!!
मैं सोच रही थी...!!
Rachana
लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा
लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा
Shinde Poonam
ऊँ गं गणपतये नमः
ऊँ गं गणपतये नमः
Neeraj Kumar Agarwal
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
Heera S
गीत
गीत
विशाल शुक्ल
हिंदी
हिंदी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िंदगी गुजर जाती हैं .....
ज़िंदगी गुजर जाती हैं .....
sushil sarna
Loading...