Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 1 min read

वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,

वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
एक तो मस्त सावन, दूजे बागों में टहल रही है।

यों नशीला हुआ है उनकी हाज़िरी से गुलशन,
गेंदा गुलाब मधुमालती चमेली, मचल रही है।

बंदे जो नाज़नीनों से दूरी बनाए थे सालभर,
हाल-ए-आलम नीयत उनकी पिघल रही है।

असर-ए-हुस्न-ए-बेख़ुदी तो देखिए शबाब में,
वो बांहों में नाज़ुक फूल-कलियों के, ढल रही है।

आज मालूम पड़ा सबब, शहर में गरमी का,
कि बेताब आग, बारिशों में कहाँ जल रही है।

245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shreedhar
View all

You may also like these posts

अद्वितीय गुणगान
अद्वितीय गुणगान
Dushyant Kumar
🍁अंहकार🍁
🍁अंहकार🍁
Dr. Vaishali Verma
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
मनोज कर्ण
जय गणेश देवा
जय गणेश देवा
Santosh kumar Miri
प्रीति चुनरिया के बड़े,
प्रीति चुनरिया के बड़े,
sushil sarna
नारी एक क्यारी है
नारी एक क्यारी है
Santosh kumar Miri "kaviraj"
पुरुष कठोर होते नहीं
पुरुष कठोर होते नहीं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"सभी को खुश करने का असफल प्रयास कर रहा हूँ ll
पूर्वार्थ
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
राजनीति और समाज सेवा अलग अलग हैं?
राजनीति और समाज सेवा अलग अलग हैं?
Sudhir srivastava
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है  (हिंदी गजल)*
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
मेरी प्रीत जुड़ी है तुझ से
मेरी प्रीत जुड़ी है तुझ से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दिल बेहद उदास है
दिल बेहद उदास है
हिमांशु Kulshrestha
"अपनी माँ की कोख"
Dr. Kishan tandon kranti
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
Rj Anand Prajapati
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
मासूमियत।
मासूमियत।
Amber Srivastava
"मुस्कराहट और वाणी"
Rati Raj
नफरतों के जहां में मोहब्बत के फूल उगाकर तो देखो
नफरतों के जहां में मोहब्बत के फूल उगाकर तो देखो
VINOD CHAUHAN
3779.💐 *पूर्णिका* 💐
3779.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हिचकियां मुझको कितनी आती हैं
हिचकियां मुझको कितनी आती हैं
Dr fauzia Naseem shad
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
Ajit Kumar "Karn"
छुटकारा
छुटकारा
Rambali Mishra
होगा कोई ऐसा पागल
होगा कोई ऐसा पागल
gurudeenverma198
Loading...