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28 Jul 2024 · 1 min read

*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा

शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (राधेश्यामी छंद)
_________________________
शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है
जान लिया है जिसने तुमको, संपूर्ण जगत में न्यारा है
वह जो समाधि में चला गया, शिव सहज तुम्हें पा जाता है
बिना खर्च का भोले मन से, पूजन तुमको शिव भाता है
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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