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26 Jul 2024 · 1 min read

तुम्हारी हाँ है या ना ?

तुम्हारी हाँ है या ना कभी न जान सका
बरसों रहे साथ , क्या पूरा जान सका

एक अबूझ और आकर्षक नाम “स्त्री”
गहराई इतनी , कोई सही न माप सका

जिसने भी पढ़ना चाहा, अधूरा ही पढ़ा
प्रेम की लिखी इबारत , कोई न बाँच सका

एक संतुलन बनाता तराज़ू में, पासंग
अहमियत है क्या, कोई न पहचान सका

डा राजीव “सागरी”

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