Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2024 · 1 min read

करगिल दिवस

शीर्षक – करगिल दिवस
************
करगिल दिवस हम सभी मनाते हैं।
देश के वीरों के बालिदान सोचते हैं।
तिरंगे को शान आन समझते हैं।
सेना की राह हम देशवासी मानते हैं।
वतन की रक्षा और बलिदान दिवस हैं।
करगिल दिवस हम सभी मनाते हैं।
करगिल युद्ध गाथा का सच जानते हैं।
हमारी वीर सेना का साहस मानते हैं।
हम सदा नमन वीर बलिदानियों को करते हैं।
भारत देश और भारत माता की रक्षा करते हैंं।
जय हिन्द जय भारत माता का मन‌ रखते हैं।
आओ आज हम वीरों के बलिदान को नमन करते हैं।
करगिल में बलिदान दिवस पर हम सभी नमन करते हैं।
***********************
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
160 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दोष किसे दें
दोष किसे दें
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
8xbet là một trong những nhà cái uy tín và nổi bật trong ngà
8xbet là một trong những nhà cái uy tín và nổi bật trong ngà
8xbet
क्या मेरी कहानी लिखे कोई
क्या मेरी कहानी लिखे कोई
Shinde Poonam
मैं अपनी कहानी कह लेता
मैं अपनी कहानी कह लेता
Arun Prasad
दिल खुश हो तो सब अच्छा लगता है.......
दिल खुश हो तो सब अच्छा लगता है.......
shabina. Naaz
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
ये  तेरी  बेवजह  की  बेरुखी  अच्छी  नहीं   लगती
ये तेरी बेवजह की बेरुखी अच्छी नहीं लगती
Dr fauzia Naseem shad
झुला झूले तीज त्योहार
झुला झूले तीज त्योहार
Savitri Dhayal
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
दोस्तो रौ साथ
दोस्तो रौ साथ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बाईसवीं सदी की दुनिया
बाईसवीं सदी की दुनिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
कहते हैं, वह खूब लड़ी मर्दानी जो थी झांसी वाली रानी,
कहते हैं, वह खूब लड़ी मर्दानी जो थी झांसी वाली रानी,
Sakshi Singh
प्रहरी नित जागता है
प्रहरी नित जागता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दुनिया
दुनिया
अनिल मिश्र
मेरे दो अनमोल रत्न
मेरे दो अनमोल रत्न
Ranjeet kumar patre
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
काली घनी रात में एक हल्की सी रोशनी हिम्मत बढ़ा देती है, उसी
काली घनी रात में एक हल्की सी रोशनी हिम्मत बढ़ा देती है, उसी
ललकार भारद्वाज
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
विक्रमादित्य के 'नवरत्न'
विक्रमादित्य के 'नवरत्न'
Indu Singh
शंकरलाल द्विवेदी काव्य
शंकरलाल द्विवेदी काव्य
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
बदरी
बदरी
Suryakant Dwivedi
ममता
ममता
Rambali Mishra
अच्छा हुआ टूट गए ख्वाब मगरुर मेरे ,
अच्छा हुआ टूट गए ख्वाब मगरुर मेरे ,
Manju sagar
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Shashi Mahajan
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुश्किस्मत ऐसा भी
खुश्किस्मत ऐसा भी
Chitra Bisht
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
Loading...