मौत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नफरत क्या करूँ तुझसे, तू तो खुद नीलाम है।
“ इस प्यार को क्या नाम दूँ ”
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
शिकस्तहाल, परेशान, गमज़दा हूँ मैं,
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
सब कुछ हमे पता है, हमे नसियत ना दीजिए
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
इन्साफ की पुकार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर "सुखी" र
शिक्षक दिवस
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
प्रेम मे सबसे खूबसूरत चीज होती है कोशिश...थोड़ी और कोशिश ह
अपनी दुनिया में रहना ,सीख लिया है हमने