Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2024 · 1 min read

*परिमल पंचपदी— नवीन विधा*

परिमल पंचपदी— नवीन विधा
26/07/2024

(1) — प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत।

अंगारे।
बरसाते तारे।।
सूरज बहुत क्रोधित
इस प्रदूषित वातावरण से,
मौसम चक्र ही हो चला है परिवर्तित।

(2)– द्वितीय, तृतीय पद तथा प्रथम, पंचम पद पर तुकांत।

अंगुल।
रखने का स्थान।
नहीं बचा अब श्रीमान।।
पूरी धरती हथिया ली है मैंने,
पंच तत्व अब पूर्णतः मेरा है चंगुल।।

(3)— प्रथम, तृतीय एवं पंचम पद पर समतुकांत।

अंचल।
सुविधा से हीन,
राह देखते अचंचल।।
सब डकार के भी खुश नहीं हैं,
इस क्षेत्र के ये जनप्रतिनिधि अंकल।।

(4)—- संपूर्ण पंच पद अतुकांत।

अंजन
भूल चुके अब
नयन पाषाण हो गये
मैं शापित ही रहूँगी उम्र भर
मेरे राम अब कभी भी नहीं आ पायेंगे।

— डॉ रामनाथ साहू ‘ननकी’
छंदाचार्य, बिलासा छंद महालय

140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

निरंतर कोशिश किया गया था -- वो चेहरा, वो बात, अगर मेरे दिमाग़
निरंतर कोशिश किया गया था -- वो चेहरा, वो बात, अगर मेरे दिमाग़
पूर्वार्थ
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
गीत- अँधेरों को हरा रोशन...
गीत- अँधेरों को हरा रोशन...
आर.एस. 'प्रीतम'
आजादी
आजादी
विशाल शुक्ल
हर लफ्ज़ मे मोहब्बत
हर लफ्ज़ मे मोहब्बत
Surinder blackpen
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
Rituraj shivem verma
जागो, जगाओ नहीं
जागो, जगाओ नहीं
Sanjay ' शून्य'
घाटे का सौदा
घाटे का सौदा
विनोद सिल्ला
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Navodaya Hostel Life
Navodaya Hostel Life
SUNDER LAL PGT ENGLISH
बुलंदी पर पहुँच जाना
बुलंदी पर पहुँच जाना
Neelofar Khan
इंजीनियर, लॉयर, एथलीट के बाद अब रॉयल ऑफिसर नरेंद्र ढिल्लों
इंजीनियर, लॉयर, एथलीट के बाद अब रॉयल ऑफिसर नरेंद्र ढिल्लों
सुशील कुमार 'नवीन'
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
मैं क्या खाक लिखती हूँ ??
MUSKAAN YADAV
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
हिन्दी दोहे- चांदी
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"किसी दिन"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल को तमाम बातों का तह खाना बना दे
दिल को तमाम बातों का तह खाना बना दे
Kanchan Gupta
सुकून-ए-दिल को ज़रा सा
सुकून-ए-दिल को ज़रा सा
Dr fauzia Naseem shad
"" *पेड़ों की पुकार* ""
सुनीलानंद महंत
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
करके एक हादसा हादसों से टल गया
करके एक हादसा हादसों से टल गया
दीपक बवेजा सरल
তুমি নেই
তুমি নেই
Sakhawat Jisan
हम पंक्षी एक डाल के
हम पंक्षी एक डाल के
Ahtesham Ahmad
जिंदगी बहुत आसान
जिंदगी बहुत आसान
Ranjeet kumar patre
हमारा मन
हमारा मन
surenderpal vaidya
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
Loading...