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25 Jul 2024 · 1 min read

********* प्रेम मुक्तक *********

********* प्रेम मुक्तक *********
****************************

बीत गया दिवस,बीत गई रात है,
दिल से दिल की हो न पाई बात है,
सब्र बाँध टूटता करूँ तो क्या करूँ,
तन मन मचलता,हो रही बरसात है।
****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

2 Likes · 374 Views
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