Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2024 · 1 min read

मनुवा तेरे

मनुवा तेरे
मनुवा तेरे बतियाने का
तौर तरीका जो बदला है
वक्त तुझे दिखला देगा
ये दुनिया कैसा – कैसा है
मनुवा तेरे….
संभल जा तू समय रहते
या निकल ले बहते बहते
कभी यहां कभी वहां की दरख़्त में टकराएगा
बेवजह ही फस जायेगा
मनुवा तेरे….
थोड़े प्रसिद्धि पाने मात्र से
जो इंसान इतरायेगा
ओ शीघ्रता से गिर जाएगा
उसे मंजिल न मिल पाएगा
ओ मझधार में फस जायेगा
मनुवा तेरे….
चल निकल तू आगे बढ़
मानवता तुझे बढ़ाएगा
और कोई नही आयेगा
तुम्हारे भीतर विराजमान आत्मबल ही काम आएगा।
मनुवा तेरे..
न हो निराश किसी के कहने से
सब काम संवर जायेगा सहने से
बिंदास होकर कर्म किया कर
सब अपना होता चला जाएगा।
मनुवा तेरे ….
नहीं यहां कोई पराया है
इस बात को लेकर बेगाना है
जब मानव की दल बल साथ देगी
पर्वत भी हिल जायेगा।
मनुवा तेरे….
रचनाकर
संतोष कुमार मिरी
शिक्षक जिला दुर्ग
छत्तीसगढ़

Language: Hindi
2 Likes · 144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Santosh kumar Miri
View all

You may also like these posts

#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
कोई किसी के राज बता,कोई किसी की बात बता दे
कोई किसी के राज बता,कोई किसी की बात बता दे
दीपक बवेजा सरल
**OPS माँग भरा मुक्तक**
**OPS माँग भरा मुक्तक**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Dream86 – địa chỉ cổng game bài đổi thưởng uy tín tại Châu Á
Dream86 – địa chỉ cổng game bài đổi thưởng uy tín tại Châu Á
dream86xyz
गर्म जल कुंड
गर्म जल कुंड
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
:
:"यादों की बारिश" (The Rain of Memories):
Dhananjay Kumar
दिल का दर्द
दिल का दर्द
Minal Aggarwal
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
बहुत रोने का मन करता है
बहुत रोने का मन करता है
Dr. Paramjit Oberoi
पढ़-लिखकर जो बड़ा बन जाते हैं,
पढ़-लिखकर जो बड़ा बन जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
हसरतें भी मेरी शर्मिंदा है,
हसरतें भी मेरी शर्मिंदा है,
श्याम सांवरा
नफ़रतें बेहिसाब आने दो।
नफ़रतें बेहिसाब आने दो।
पंकज परिंदा
संविधान दिवस
संविधान दिवस
TAMANNA BILASPURI
आलस्य परमो धर्मां
आलस्य परमो धर्मां
अमित कुमार
बह्र ....2122  2122  2122  212
बह्र ....2122 2122 2122 212
Neelofar Khan
मैं और मेरे प्रभु
मैं और मेरे प्रभु
ललकार भारद्वाज
क्या लिखू , क्या भूलू
क्या लिखू , क्या भूलू
Abasaheb Sarjerao Mhaske
बिखरना
बिखरना
Dr.sima
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
DrLakshman Jha Parimal
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सूरत
सूरत
Sanjay ' शून्य'
मैं कुछ सोच रहा था
मैं कुछ सोच रहा था
Swami Ganganiya
" बदलाव "
Dr. Kishan tandon kranti
زندگی کب
زندگی کب
Dr fauzia Naseem shad
3853.💐 *पूर्णिका* 💐
3853.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वक्त और दूरी
वक्त और दूरी
पूर्वार्थ
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
राम कृपा (घनाक्षरी छंद)
राम कृपा (घनाक्षरी छंद)
guru saxena
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
Neelam Sharma
Loading...