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27 Jul 2024 · 1 min read

“पथ रोके बैठी विपदा”

“पथ रोके बैठी विपदा अगर ,
पीछे कब तक भागोगे ,
जो पीछे भागोगे,
तो फ़तेह कैसे पाओगे l

फ़तेह हासिल हुई कुरुक्षेत्र में ,
जब विपदा से लोहा था लिया ,
लोहा लेकर निज पुरुषार्थ को ,
प्रमाणित था किया l

जो बैठे रहते धरे हाथ पर हाथ ,
तो पांडव कैसे जीत थे पाते ,
बिना संघर्ष के रण ,
कैसे लांग थे पाते l

कहता नीरज….
अब समय क्यों व्यर्थ है करना ,
जब सिद्ध जीवन का अर्थ है करना l

इसलिए जो बैठे रहे तो कुछ नहीं पाओगे ,
जो कायर बनोगे तो फ़तेह कैसे पाओगे l
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल”🕉️

Tag: Poem
1 Like · 414 Views
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