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22 Jul 2024 · 1 min read

बेवफा सनम

गजल
बेवफा सनम

तेरी लबों की लाली ने बताया
एक दिल है जो दूसरे दिल को सताया
तरस आता है तुझ पर
भरोसा नहीं है मुझ पर
टूटती इमारत की पहचान होती है।
मुहब्बत से मरम्मत तक
इबादत बरसती है।
दिल है जख्मों से भरा इसकदर
ढूंढते फिरोगी गैरों में दरबदर
अहले नज़र ,पहले नज़र
दर्द ए दिल की दवा नही है।
दुआ ले जा।
सजा लो महफिल अपने हाथो से
निकलती है शुक्रिया शुक्रिया तहेदिल से
तुम जब रहोगी सनम बहारों में
गोता लगाना मेरी एतबारो में।

रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
छत्तीसगढ़

Language: Hindi
189 Views
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