Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2024 · 2 min read

*”गुरुदेव”*

“गुरुदेव”
गुरु प्रत्यक्ष परमेश्वर का ही स्वरूप है, जो सांसारिक जीवन में विषय विकारों का मैल धोने के लिए गुरु का पवित्र ज्ञान सरोवर घाट है।ऐसे गुरु के वचन वाणी की शक्ति से भ्रमित मन के सभी संदेह दूर हो जाते हैं और हृदय को परम शांति मिलती है।
परम पूज्य गुरुदेव तो साक्षात दर्शन देते हैं ,और अंतर्यामी प्रभु जी ही है जो मन के अंदर गुप्त रूप से विद्यमान रहते हैं वे साधना शक्ति से ज्ञान का दीपक जलाकर हमारे अज्ञान तिमिर का नाश करते हैं।
उनकी आभामण्डल तेजस्वी कर्त्तव्य बोध करा जीवन में प्रकाशित करती है।
एक मजबूत स्तम्भ बना देती है यदि गुरु के सानिध्य में ज्ञान की ज्योति का साक्षत्कार नहीं होता है तो साधक अंहकार ,भ्रांतियों एवं किंकर्तव्यविमूढ़ हो घने अंधकार में भटकने लगता है।
जब शिष्य परम गुरु पाने की इच्छा शक्ति रख जागृत हो जाता है तब वे अपना सर्वशक्तिमान आनंद मयी स्वरूप दिखला देते हैं उनका स्वभाव कृपा भाव कहलाता है अर्थात यह भी कहा जाता है कि अंहकार के प्रपंचो में उलझे हुए शिष्यों को अज्ञानता से दूर करना पहला कार्य होता है।
इसलिए कहा गया है -*”अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानजंन शलक्या चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः”*
साधक का धर्म है कि वह शास्त्र गुरु मूर्ति यंत्र पीठ एवं तीर्थ जैसे लौकिक साधनों में श्रद्धा भाव रखें और पूर्णतः दिव्यमान वस्तुतः लौकिक गुरु शास्त्र देव मूर्ति तीर्थ स्थल पीठ व मंदिर आदि श्रद्धा भाव के उपयोग करके साधक सिद्धि के शिखर तक पहुंच सकता है इसलिए सद्गुरु जी के शास्त्र ज्ञाता साधना के मर्मभेद को जानने वाला सदाचारी एवं शिष्य के प्रति वात्सल्य प्रेम रखने वाला कहा जाता है।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुरसाक्षात परं ब्रम्हा तसमै श्री गुरुर्वे नमः
गुरु ही गोविंद से मिलाते हैं
*”गुरु कुम्हार शिष्य कुम्भ है गठि गठि काढ़े खोट।
अंतर हाथ सहारा दे बाहर मारे चोट।।
*बंदउँ गुरु पद पदुम परागा
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा ।
अमिय मूरिमय चरण चारु ,
समन सकल भत रुज परिवारू।।
*सुकृति शंभु तन विमल विभूति,
मंजुल मंगल मोद प्रसूति।
जन मन मंजू मुकुल मल हरनी ,
किये तिलक गुन गन बस करनी।
*श्री गुरुपद नख मनि जोती,
सुमिरत दिव्य दृष्टि हिय होती।
दलन मोह तम सो सप्रकाशु ,
बड़े भाग उर आबई आंसू।।
*उधरहि विमल विलोचन हीके ,
मिटही दोष दुख भव रजनी के।
सूझहिं रामचरित मनि मानिक,
गुपतु प्रगट जह जो जेहि खानिक।।
*गुरु पद पूजा मूल है ध्यान मूल गुरु देह।
मंत्र मूल गुरू वाक्य है मोक्ष मूल गुरू नेह।।
🙏🙏जय गुरुदेव 🙏🙏
शशिकला व्यास शिल्पी✍️

1 Like · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

XOILAC TV là kênh xem bóng đá trực tiếp miễn phí được người
XOILAC TV là kênh xem bóng đá trực tiếp miễn phí được người
Xoilac TV
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
घोटुल
घोटुल
Dr. Kishan tandon kranti
शुभारंभ करें
शुभारंभ करें
Namita Gupta
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दीपावली
दीपावली
Dr Archana Gupta
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
होली आई, होली आई,
होली आई, होली आई,
Nitesh Shah
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
रहिमन धागा
रहिमन धागा
Jitendra kumar nagarwal
"अपने घर के सबसे बडे़ लडके हैं हम ll
पूर्वार्थ
नाकाम
नाकाम
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
गरीबी
गरीबी
Kanchan Alok Malu
" Fitness Festival💪💪 ,,
Ladduu1023 ladduuuuu
सर्द रातें
सर्द रातें
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
अज़ल से इंतजार किसका है
अज़ल से इंतजार किसका है
Shweta Soni
समझदार मतदाता
समझदार मतदाता
Khajan Singh Nain
4210💐 *पूर्णिका* 💐
4210💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
You learn when to read between the lines of true friendship
You learn when to read between the lines of true friendship
पूर्वार्थ देव
सृष्टि के कर्ता
सृष्टि के कर्ता
AJAY AMITABH SUMAN
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
आचार्य ओम नीरव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
- शेर -
- शेर -
bharat gehlot
टन टना टन , टन टन तारा......
टन टना टन , टन टन तारा......
Mangilal 713
पदावली
पदावली
seema sharma
आओ मोहब्बत की शुरुआत करें...
आओ मोहब्बत की शुरुआत करें...
Jyoti Roshni
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
भ्रमण
भ्रमण
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*अपना सरगम दे जाना*
*अपना सरगम दे जाना*
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
मज़दूर दिवस विशेष
मज़दूर दिवस विशेष
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
Loading...