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20 Jul 2024 · 1 min read

अधूरा ही सही

पूरा नहीं तो आधा ही सही ,
कोई झूठा सा वादा ही सही l

सामने ऐसे निकल रहे हैं
जैसे हमको जाना ही नहीं l

इंतज़ार फिर भी हम करते रहे
मालूम है, उनको आना ही नहीं l

पहले रहते थे, किसी पते पर
अब तो, कोई ठिकाना ही नहीं l

नजरों से, साफ़ है पहचान लिया है
दिखा रहे हैं, जैसे पहचाना ही नहीं l

डा राजीव “सागरी”

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