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23 Feb 2025 · 1 min read

गजल

गजल
हम तेरे नजरों से कभी घायल हुए
ओ मेरे सितम है दुनिया से कहते फिर रहे
हम मिले भी तो क्या मिले 2
वही दूरियां
वही फासले हुए
हो गए सब शिकवे गिले
हांथ पैर सुन्न और चेहरे हुए पीले।
धड़कती तन और कांपती बदन
आ गले मिल मेरे सजन।

रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
जिला दुर्ग छत्तीसगढ़

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