Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2024 · 1 min read

सादगी

साहित्य की दुनिया में कमल जी का बड़ा नाम था। पुराने जमींदार थे।‌लेकिन निहायत ही सज्जन और सरल थे।‌हालांकि वर्तमान में आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बाद भी स्वाभिमान से समझौता उनका स्वभाव नहीं था। उनकी लेखनी यथार्थ का आइना होती थी। दूर दूर से कवि सम्मेलनों में उन्हें बुलाया जाता था। लोग उनको सुनने को लालायित रहते थे। कवि/कवयित्रियां उनका आशीर्वाद पाने को अपना सौभाग्य समझते थे।
चाहते तो पैसों का अभाव न होता, लेकिन सादगी, स्वाभिमान और स्वच्छंदता के कारण जो मिला, उसे बिना देखे जेब के हवाले कर लिया।
आज कमल जी की मृत्यु उनके पैतृक घर पर देश के विभिन्न अंचलों से साहित्यिक विभूतियों का जमघट लगा था । व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को आगे आना पड़ा। आम क्षेत्रीय लोगों को अब पता चल रहा था कि उनके बीच इतना बड़ा व्यक्तित्व रहता था।
आश्चर्य तो तब हुआ जब लोगों को यह पता चला कि कम पढ़े लिखे कमल जी पर शोध भी किया जा रहा था। लेकिन सादगी के कारण उनकी अहमियत घर की मुर्गी….. जैसी थी।
आज लोगों और मीडिया में कमल जी की ही चर्चा हो रही है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

https://23winz.net/
https://23winz.net/
23winz net
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Neeraj Mishra " नीर "
मजदूर दिवस मनाएं
मजदूर दिवस मनाएं
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं, तुम..
मैं, तुम..
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कमली हुई तेरे प्यार की
कमली हुई तेरे प्यार की
Swami Ganganiya
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
" मृत्यु "
Dr. Kishan tandon kranti
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
Dr Archana Gupta
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
Monika Arora
..
..
*प्रणय प्रभात*
3928.💐 *पूर्णिका* 💐
3928.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr .Shweta sood 'Madhu'
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
ये जरूरी तो नहीं
ये जरूरी तो नहीं
RAMESH Kumar
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
Subhash Singhai
सिखों का बैसाखी पर्व
सिखों का बैसाखी पर्व
कवि रमेशराज
तुम नहीं हो मेरी,
तुम नहीं हो मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
रहिमन धागा
रहिमन धागा
Jitendra kumar nagarwal
As I grow up I realized that life will test you so many time
As I grow up I realized that life will test you so many time
पूर्वार्थ
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
- कलयुग -
- कलयुग -
bharat gehlot
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
होती क्या है काया?
होती क्या है काया?
Nilesh Premyogi
Loading...