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18 Jul 2024 · 1 min read

अब तो चले आओ कि शाम जा रही है।

अब तो चले आओ कि शाम जा रही है।
जाते जाते हमको नज़दीक ला रही है।

कह दो दिल की बातें सभी
हमको ये समझा रही है।

हम तुम्हारे लिए और तुम हमारे लिए बने हो,
ये हमको बता रही है।

थामकर हाथ मेरा चल दो साथ
जहां ये शाम हमें ले जा रही है।

कुछ न पूछो हमसे बस सुनो चुपके से,
जो गीत हवा गा रही है।

बस अब इंतजार और नहीं होता है मुझसे,
बरसने दो इसको जो सावन की घटा छा रही है।

कुछ तो सबब होगा इस रुत का,
ऐसे ही नहीं हमें ये पास बुला रही है।

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