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17 Jul 2024 · 1 min read

सफ़र अभी लंबा है…

सफ़र अभी लंबा है…
थोड़ा सब्र और करो,
कर्म पे गर भरोसा है…
तुम निज कर्म करो,
मंजिलें खुद चलकर…
दरवाजा तेरा खटखटाएगी,
तुम दूर भी जाना चाहो…
पर पास वो तेरे आएगी।
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 309 Views
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