🌹🌹 झाॅंसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मत छोड़ो संघर्ष को, शंकित हो जब जीत ।
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
तमन्ना पाल रखी थी सबको खुश रखने की
उधार लिया हूँ खाने के लिए
Learn to recognize a false alarm
हे राम जी! मेरी पुकार सुनो
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
** जिंदगी कब मुस्कुराई **
फूलों की खुशबू सा है ये एहसास तेरा,
"हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं"
धुंधली सी नजर आती है, आईने में तस्वीर तो क्या।
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
निशाना साध के तुमने चलाया था वो तीर
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।