मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी को दुख नहीं पहुंचा सकता!
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी को दुख नहीं पहुंचा सकता!