Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ बादल घुमड़ के आते , ⛈️

नमन मंच 🙏🌹
दिनांक _ 13/07/2024
बह्र_221_ 2122_ 221_ 2122
💖#ग़ज़ल 💖
1,,,
बादल घुमड़ के आते , बिजली को साथ लाते,
दिन भर थकन न उतरी , रो रो मुझे बताते ।
2,,,
सावन ने आ के मेरा , क्यूं चैन ऐसे छीना ,
कोयल कुहुक के बोली , दिन रात तुम सताते ।
3,,,
यारा गुज़ार दी जब , ये ज़िंदगी क़सम से ,
दिलदार रूह गुज़री , अब क्यूं गले लगाते ।
4,,,
परछाइयां भी खोयीं , किसको कहें ये हमदम,
आफ़ात की घड़ी थी, कैसे उसे बचाते ।
5,,,
तन्हा न कट सके दिन, ढूंढे है साथ तेरा ,
गर ‘ नील’ तुम न आते , तो हम कज़ा बुलाते ।

✍️ नील रूहानी ,,,13/07/2024,,
( नीलोफर खान)

1 Like · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neelofar Khan
View all

You may also like these posts

धरा का गहना
धरा का गहना
अरशद रसूल बदायूंनी
मया के खजाना हावय ग
मया के खजाना हावय ग
डिजेन्द्र कुर्रे
"डर"
Dr. Kishan tandon kranti
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा
Nitesh Shah
Team India
Team India
Aruna Dogra Sharma
गीत- मिले हैं चार दिन जीवन के...
गीत- मिले हैं चार दिन जीवन के...
आर.एस. 'प्रीतम'
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
"चित्कार "
Shakuntla Agarwal
मेरा किरदार शहद और नीम दोनों के जैसा है
मेरा किरदार शहद और नीम दोनों के जैसा है
Rekha khichi
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ममता तुम्हारी
ममता तुम्हारी
ललकार भारद्वाज
10.. O God
10.. O God
Santosh Khanna (world record holder)
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
जीवन
जीवन
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
दोहा
दोहा
Ramji Tiwari
4646.*पूर्णिका*
4646.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर  ऐब  दूसरों  में  दिखते  हैं इसलिए ।
हर ऐब दूसरों में दिखते हैं इसलिए ।
Dr fauzia Naseem shad
मां लक्ष्मी कभी भी जुआरिओ के साथ नही बल्कि जोहरीओ के साथ रहत
मां लक्ष्मी कभी भी जुआरिओ के साथ नही बल्कि जोहरीओ के साथ रहत
Rj Anand Prajapati
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
You’ll be the friend, the partner, the support they need whe
You’ll be the friend, the partner, the support they need whe
पूर्वार्थ
रेल सरीखे दौड़ती जिंदगी।
रेल सरीखे दौड़ती जिंदगी।
Vivek saswat Shukla
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
*जब से मुकदमे में फॅंसा, कचहरी आने लगा (हिंदी गजल)*
*जब से मुकदमे में फॅंसा, कचहरी आने लगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे
Mansi Kadam
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती।
पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती।
Kumar Kalhans
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
Loading...