कुछ कमी मुझमे है कि इस जमाने में,
दिव्यास्त्र से कम हैं क्या
लुटाकर जान करते हैं तिरंगे को नमन सैनिक
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
- अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए -
"एक विचार को प्रचार-प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
*राधा-कृष्ण मंदिर, किला कैंप, रामपुर: जिसकी प्राचीन मूर्तियॉ
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
हनुमान वंदना त्रिभंगी छंद