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13 Jul 2024 · 1 min read

“सब कुछ तो भाग्य विधाता है”

“सब कुछ तो भाग्य विधाता है”
भाग्य ना जाने क्या-क्या खेल दिखाता है।
कभी तो ये हॅंसाता है और कभी रुलाता है।
ज़िंदगी से अनेकों उम्मीदें लिए फिरते हैं हम,
देखते हैं आगे सब कुछ तो भाग्य विधाता है।

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 350 Views
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