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12 Jul 2024 · 1 min read

मुझको आँखों में बसाने वाले

मुझको आँखों में बसाने वाले
हो गए कैसे ज़माने वाले
अपने चेहरे से डरते हैं क्यूँ
मुझको आईना दिखाने वाले
रूठता था तो बाँहों में समां लेते थे
कहाँ गए अब मुझको मनाने वाले
मेरी यादों में जलते हैं अब
मेरी यादों को जलाने वाले
नींद अब कैसे आएगी ये बता
सो गए मुझको सुलाने वाले
आंख भर भर के देखते थे जिसे
नहीं अब ख्वाब में भी आने वाले
तुझे इंतज़ार करना है तो कर
लौट के आते हैं क्या कभी जाने वाले

From my Book
Khali Khali sa jahan

Language: Hindi
199 Views
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