Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म

ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म है
जिस तरह प्लेटफॉर्म पर
गाड़ियाँ आती हैं और चली जाती हैं
उसी तरह ज़िन्दगी में
लोग आते हैं और चले जाते हैं
रह जाती हैं यादें
सिर्फ यादें
उन पटरियों की तरह
जो अहसास दिलाती हैं
कि अभी-अभी कोई गाड़ी
यहाँ से गुजरी है
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म है।
आदमी देखता रह जाता है
उन तमाम दरख्तों की तरह
जो खड़े-खड़े देखा करते हैं
गाड़ियों को आते-जाते हुए
चल नहीं सकते
सिर्फ सोचते हैं
‘सब अपना-अपना मुकद्दर है’
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म है।
वक्त की मार को
आदमी सहन कर लेता है
उस पुल की तरह
जो हर वक्त
अपने सीने पर महसूस करता है
आती-जाती हुई
गाड़ियों के आघातों को
कुछ नहीं बोलता
क्योंकि
यही उसकी नियति है
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म है।
✍🏻 शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
1 Like · 107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

- नयन उसके कटार -
- नयन उसके कटार -
bharat gehlot
अब ऐसी कोई लालसा नहीं
अब ऐसी कोई लालसा नहीं
अनिल "आदर्श"
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पेट में गया जहर सिर्फ एक व्यक्ति को मारता है और कान में गया
पेट में गया जहर सिर्फ एक व्यक्ति को मारता है और कान में गया
ललकार भारद्वाज
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
Shashi kala vyas
"Don’t ignore the effort of someone who tries to keep in tou
पूर्वार्थ
,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
भोर
भोर
Omee Bhargava
कुछ हमको भी जी लेने दो
कुछ हमको भी जी लेने दो
श्रीकृष्ण शुक्ल
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पढ़ना सब चाह रहे है पर
पढ़ना सब चाह रहे है पर
पूर्वार्थ देव
"फर्क बहुत गहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
Neeraj kumar Soni
*लड़ाई*
*लड़ाई*
Shashank Mishra
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
gurudeenverma198
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हर किसी को हर किसी की जरूरत हैं
हर किसी को हर किसी की जरूरत हैं
Shinde Poonam
याद हाथ को आ गया,
याद हाथ को आ गया,
sushil sarna
महान व्यक्तित्व
महान व्यक्तित्व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
चिर मिलन
चिर मिलन
Deepesh Dwivedi
..
..
*प्रणय प्रभात*
दुनिया की बुनियाद
दुनिया की बुनियाद
RAMESH SHARMA
ऋषि 'अष्टावक्र'
ऋषि 'अष्टावक्र'
Indu Singh
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
तुम्हारी याद
तुम्हारी याद
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
Loading...