नहीं हो रहा है भरोसा उन पर!
మాయా లోకం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
महिला दिवस विशेष कविता। खोखली मत कर जय जयकार।। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
तबियत मेरी झूठ पर, हो जाती नासाज़.
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
मन मेरे तू, सावन-सा बन...
The hardest lesson I’ve had to learn as an adult is the rele
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
आप विषय पर खूब मंथन करें...
सनातन धर्म की गूंज ब्रह्माण्ड के हर कोने में है हम प्रभु के
फैलाकर बाहें इंतजार ए मोहब्बत कायम रक्खा है