Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2024 · 3 min read

उम्मीद

उम्मीद जिसे हम आस , आशा, ख़्वाहिश, अपेक्षा, भरोसा आदि जैसे असंख्य नामों से जानते है, यक़ीनन उम्मीद वह खूबसूरत एहसास है जो हमारी ज़िंदगी में खुशियों के रंग ही नहीं भरती बल्कि हमारी कामयाबी के कठिन और दुश्वार रास्तों को भी आसान बनाती है, उम्मीद है तो सब कुछ मुमकिन है उम्मीद के बिना ज़िंदगी में जैसे कुछ भी नहीं, उम्मीद हमें जीने का हौंसला देती है या यूँ कहें कि उम्मीद के बगैर हम ज़िंदगी का तसव्वुर भी नहीं कर सकते उम्मीद के बिना जिंदगी में कुछ भी नहीं, एक उम्मीद ही होती है जो नामुमकिन को भी मुमकिन करने का जज़्बा हमारे अंदर पैदा कर देती है हमारे हौसलों को पंख ही नहीं देती बल्कि हमें उड़ना भी सिखा देती है और इसी उम्मीद के भरोसे हम हर नामुमकिन काम को भी मुमकिन कर दिखाते हैं, कहते भी है कि उम्मीद पर दुनिया क़ायम है, तो ये हक़ीक़त है ,उम्मीद के दम पर हम दुनिया को जीत सकते हैं वहीं इसके न होने पर हम दुनिया को , तो कभी अपनी ज़िंदगी को भी हार जाते हैं ।
इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम कभी अपनी उम्मीद को खत्म न होने दे और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम अपनी उम्मीद के उजाले से अपनी नाउम्मीदी और मायूसी के अंधेरो को दूर कर सकते है और अपनी ज़िंदगी को खुशियों से भर सकते है ।
यह उम्मीद ही हो तो होती है जो अभी हम खुद से करते है तो कभी दूसरों से रखते हैं , दूसरों से उमीद रखना अक्सर हमें मायूस कर देता है हमारी ज़िंदगी को खुशहाल बनाने में उम्मीद अहम किरदार निभाती है , हम जब कभी अपनी उम्मीद खोते हैं तो अंदर से टूट जाते हैं और जब कोई हमारा अपना हमारी उम्मीद तोड़ता है तो एक बे’यकीनी हमारे दिल में घर कर जाती है और हमारा यकीन ऐसा टूटता है कि हम चाह कर भी न किसी से कोई उम्मीद नहीं रख पाते हैं और न कभी किसी पर यकीन कर पाते हैं , बहुत से कमज़ोर दिल के लोग तो उम्मीद टूट जाने पर अपनी ज़िंदगी तक को हार जाते हैं इसलिए हम सभी की कोशिश होनी चाहिए कि उम्मीद हमेशा अपने रब और खुद से रखनी चाहिए ,बेशक एक हमारा रब ही तो है जो हमें कभी भी नाउम्मीद नहीं करता ,बहरहाल उम्मीदें ज़्यादा नहीं मुख़्तसर रखें , दूसरों से उम्मीद रखने से पहले देख लें कि जिससे आप उम्मीद रख रहें हैं वो आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने के क़ाबिल हैं भी या नहीं, बेकार में बे’एतबार लोगों से उम्मीद रखना बेवकूफ़ी के सिवा कुछ भी नहीं,उम्मीद के टूटने का दर्द कितना तकलीफ़ देता है ये वही महसूस कर सकता है जिसकी उम्मीद टूटी होती है किसी की उम्मीद हमसे कभी न टूटे यह कोशिश हम सभी को पूरे दिल से करनी चाहिए,माना की ज़िंदगी में हमें वो सब हासिल नहीं होता जिसकी उम्मीद हमें शिद्दत से होती है लेकिन ये ज़िंदगी है यहां कोई मुकम्मल नहीं, हमें उम्मीद होती है लेकिन हर उम्मीद हमारी पूरी हो या कोई दूसरा हमारी उम्मीद पर खरा उतरे ये ज़रूरी तो नहीं , लेकिन जब तक सांस चले उम्मीद का दामन कभी न छोड़े ,एक दिन सब ठीक हो जाएगा यह लफ़्ज़ अंधेरे में चमकती एक उम्मीद की रोशनी ही तो है जो हमें ज़िंदगी में हौसलें के साथ हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और वैसे भी हम उम्मीद के उजाले से ही नाउम्मीदी के अंधेरो को कामयाबी के साथ मिटा सकते हैं, याद रखें दूसरों से उम्मीदें वाबस्ता रखना महज़ अपनी खुशी के लिए गलत है ऐसी बे’वजह की उम्मीदें हमारे दुःख की वजह बनती हैं इसलिए इससे हमेशा दूर रहें बहरहाल टूटती हैं उम्मीदें लेकिन फिर भी टूटी उम्मीद में एक उम्मीद की रोशनी हमारी नाउम्मीदी के अंधेरो को दूर कर देती है या एक तरह से कहें तो उम्मीद हमारे ज़िंदा होने की पहली शर्त है और हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सहारा इसलिए अपनी उम्मीद को कभी भी किसी भी क़ीमत पर ख़त्म न होने दें ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 131 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
प्राकृतिक के बीच रहकर जो अहंकार करता है प्राकृतिक उसके अहंका
प्राकृतिक के बीच रहकर जो अहंकार करता है प्राकृतिक उसके अहंका
Rj Anand Prajapati
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
Phool gufran
निश्चित जो संसार में,
निश्चित जो संसार में,
sushil sarna
हर प्रार्थना में
हर प्रार्थना में
लक्ष्मी सिंह
वायदे तो वायदे है,वायदों का क्या !
वायदे तो वायदे है,वायदों का क्या !
ओनिका सेतिया 'अनु '
कह मुकरियां
कह मुकरियां
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
हृदय में आपके जीवित रहूॅं
हृदय में आपके जीवित रहूॅं
Rashmi Sanjay
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Santosh kumar Miri
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
दीपक झा रुद्रा
मेरा जन्मदिन आज
मेरा जन्मदिन आज
Sudhir srivastava
वो आंगन ढूंढ रहा हूं
वो आंगन ढूंढ रहा हूं
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिंग्लिश में कविता (हिंदी)
हिंग्लिश में कविता (हिंदी)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
जिंदगी में एटीट्यूड जरूरी है...
जिंदगी में एटीट्यूड जरूरी है...
पूर्वार्थ देव
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
Khaimsingh Saini
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
शर्त
शर्त
Shivam Rajput
*डरते क्यों हो बंधु जगत में, सोचो तुम क्या खोओगे (हिंदी गजल)
*डरते क्यों हो बंधु जगत में, सोचो तुम क्या खोओगे (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
बयार
बयार
Sanjay ' शून्य'
- तजुर्बा हुआ है -
- तजुर्बा हुआ है -
bharat gehlot
कार्य का भाव
कार्य का भाव
Ankit Halke jha
मीर की  ग़ज़ल हूँ  मैं, गालिब की हूँ  बयार भी ,
मीर की ग़ज़ल हूँ मैं, गालिब की हूँ बयार भी ,
Neelofar Khan
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
Panna mai zindgi ka agar fir se palatu
Panna mai zindgi ka agar fir se palatu
Vinay Pathak
दशहरे पर दोहे
दशहरे पर दोहे
Dr Archana Gupta
एहसास ए कमतरी में
एहसास ए कमतरी में
Dr fauzia Naseem shad
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत.......
Rituraj shivem verma
Loading...