Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2024 · 1 min read

जिसे सपने में देखा था

देखा था सपने में कई बार जिसे,
आज हकीकत में सामने आई थी।
देख उसे रुक सी गई थी,
धड़कन मेरे,काँप रहे थे पाँव भी।
कुछ देर बाद मिला सुकून,
जब पास आकर बोली मुझसे——
👉 भैया! ये एड्रेस कहां है?😁😁🤫
🤔😁😁

~S.KABIARA

2 Likes · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कविता
कविता
Nmita Sharma
मैं उड़ना चाहती हूं
मैं उड़ना चाहती हूं
Shekhar Chandra Mitra
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Know your place in people's lives and act accordingly.
Know your place in people's lives and act accordingly.
पूर्वार्थ
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
Ravikesh Jha
हे प्रिय
हे प्रिय
कृष्णकांत गुर्जर
ए लड़ी, तू न डर
ए लड़ी, तू न डर
Usha Gupta
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
gurudeenverma198
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
दीपक बवेजा सरल
** लगाव नहीं लगाना सखी **
** लगाव नहीं लगाना सखी **
Koमल कुmari
भारतीय माता-पिता यह कहना पसंद करते हैं कि 'हमने तुम्हें खाना
भारतीय माता-पिता यह कहना पसंद करते हैं कि 'हमने तुम्हें खाना
पूर्वार्थ देव
दो घड़ी बसर कर खुशी से
दो घड़ी बसर कर खुशी से
VINOD CHAUHAN
कसौटी से गुजारा जा रहा है
कसौटी से गुजारा जा रहा है
अरशद रसूल बदायूंनी
अधूरा नहीं
अधूरा नहीं
Rambali Mishra
*मनकहताआगेचल*
*मनकहताआगेचल*
Dr. Priya Gupta
जस जालोर रो
जस जालोर रो
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
#मेरी_दृष्टि_में-
#मेरी_दृष्टि_में-
*प्रणय प्रभात*
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
Manoj Mahato
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
ये आवारा मन
ये आवारा मन
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . . .  अर्थ
दोहा पंचक. . . . . अर्थ
sushil sarna
मेलों का मौसम है आया (बाल कविता)
मेलों का मौसम है आया (बाल कविता)
Ravi Prakash
रिश्तों की बगिया
रिश्तों की बगिया
Dhananjay Kumar
अलबेला मंडला
अलबेला मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
प्रकृति ही ईश्वर है ,
प्रकृति ही ईश्वर है ,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
माली की अभिलाषा
माली की अभिलाषा
Vijay kumar Pandey
3443🌷 *पूर्णिका* 🌷
3443🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
Loading...