हरे काँच की चूड़ियाँ,
हरे काँच की चूड़ियाँ,
कहती हैं वो बात ।
बीती जिनके शोर में,
द्वन्द्व भरी वो रात ।।
सुशील सरना / 10-7-24
हरे काँच की चूड़ियाँ,
कहती हैं वो बात ।
बीती जिनके शोर में,
द्वन्द्व भरी वो रात ।।
सुशील सरना / 10-7-24