पलकों से रुसवा हुए,
पलकों से रुसवा हुए,
उल्फत के सब ख्वाब ।
रुखसारों पर रह गए,
वादों के सैलाब ।।
सुशील सरना / 10-7-24
पलकों से रुसवा हुए,
उल्फत के सब ख्वाब ।
रुखसारों पर रह गए,
वादों के सैलाब ।।
सुशील सरना / 10-7-24