Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

वह तुम्हारा झटके से जाना दूर जाकर पलट के मुस्कुराना।
शब्दों से इंकार करके नयनो को चंचलता से इधर उधर घुमाना।
मझधार में छोड़ करके फिर खूबसूरत होंठों का अदा से चुभलाना।
कसम से क्या मार ही डालोगे कहां से सीखा यूं धीरे धीरे तड़पाना।
विपिन

99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
गजब है सादगी उनकी
गजब है सादगी उनकी
sushil sarna
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
शीर्षक - चाय
शीर्षक - चाय
Neeraj Kumar Agarwal
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
मैं प्रेम लिखूं जब कागज़ पर।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
मधेश प्रदेश बनाम मिथिला।
मधेश प्रदेश बनाम मिथिला।
Acharya Rama Nand Mandal
गुरु गोविंद सिंह
गुरु गोविंद सिंह
Anop Bhambu
मज़दूर
मज़दूर
कुमार अविनाश 'केसर'
Dear Moon.......
Dear Moon.......
R. H. SRIDEVI
सुर्ख बिंदी
सुर्ख बिंदी
Awadhesh Singh
पिता का ऋण गीत
पिता का ऋण गीत
Manoj Shrivastava
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
Neelofar Khan
खुदकुशी नहीं,
खुदकुशी नहीं,
Shekhar Chandra Mitra
अगर कोई छोड़ कर चले
अगर कोई छोड़ कर चले
पूर्वार्थ
आईने के सामने
आईने के सामने
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सोना बन..., रे आलू..!
सोना बन..., रे आलू..!
पंकज परिंदा
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
किताब
किताब
Sûrëkhâ
पार्थगाथा
पार्थगाथा
Vivek saswat Shukla
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बर्फ
बर्फ
Santosh kumar Miri
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रदीप छंद विधान सउदाहरण
प्रदीप छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
बाल कविता
बाल कविता
Raj kumar
"खुदा के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्हारी चाय
तुम्हारी चाय
Dr. Rajeev Jain
Loading...