Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2024 · 1 min read

जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।

गज़ल

122/122/122/122
जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।
गरीबों के बस की सियासत नहीं है।1

जो भी पास मेरे कमाया है खुद ही,
कोई खानदानी रियासत नहीं है।2

कहीं जलजला है कहीं आग पानी,
कि इंसान को कोई राहत नहीं है।3

ये माना कि महगाई है आजकल पर,
जो पहले थी अब वैसी गुर्बत नहीं है।4

कमाया है लोगों ने पैसा व शुहरत,
मगर प्यार की अब वो दौलत नहीं है।5

न ही प्रेम राधा न कान्हा सा प्रेमी,
मुहब्बत है बस ये इबादत नहीं है।6

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
हे मृत्यु
हे मृत्यु
कृष्णकांत गुर्जर
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
बहुत कुछ जान के जाना है तुमको, बहुत कुछ समझ के पहचाना है तुम
बहुत कुछ जान के जाना है तुमको, बहुत कुछ समझ के पहचाना है तुम
पूर्वार्थ
बदमाश किरणें
बदमाश किरणें
Radha Bablu mishra
जो खुद को हमारा
जो खुद को हमारा
Chitra Bisht
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
डी. के. निवातिया
"पेंसिल और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
यूँ ही नहीं मन सा दूर होने लगा तुझसे,
यूँ ही नहीं मन सा दूर होने लगा तुझसे,
ruchi sharma
*वह श्रद्धा के पात्र, पार नव्वे जो जीते (कुंडलिया)*
*वह श्रद्धा के पात्र, पार नव्वे जो जीते (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
Rj Anand Prajapati
कुछ भी हासिल हुआ नहीं हमको
कुछ भी हासिल हुआ नहीं हमको
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
परिवार सबसे बड़ा खजाना है
परिवार सबसे बड़ा खजाना है
संतोष बरमैया जय
नफरत
नफरत
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
संवेदना का प्रवाह
संवेदना का प्रवाह
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
एक  दूजे के जब  हम नहीं हो सके
एक दूजे के जब हम नहीं हो सके
Dr Archana Gupta
घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं...
घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
सारे गीत समर्पित तुझको।
सारे गीत समर्पित तुझको।
Kumar Kalhans
तेरे हिस्से में कभी गम की कोई शाम न आए
तेरे हिस्से में कभी गम की कोई शाम न आए
Jyoti Roshni
बच्चों पर अपनी इच्छाऐ नहीं थोपे बल्कि उनके मार्गदर्शक बने
बच्चों पर अपनी इच्छाऐ नहीं थोपे बल्कि उनके मार्गदर्शक बने
Dr Azad
अगर जीवन मे कुछ नहीं हो रहा है यानि सफ़लता नहीं मिल रही है त
अगर जीवन मे कुछ नहीं हो रहा है यानि सफ़लता नहीं मिल रही है त
रुपेश कुमार
यादें
यादें
Annu Gurjar
3709.💐 *पूर्णिका* 💐
3709.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
उम्मीद की डोर
उम्मीद की डोर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
Rakshita Bora
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
Ravikesh Jha
तुम्हे क्या लगता,
तुम्हे क्या लगता,
अमित मिश्र
Loading...