Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2024 · 1 min read

बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।

सांझ की अंतिम बेला में, बदरा ये संवर कर आयी है,
नाचती-गाती बयार ने, स्वागत में धूल उड़ाई है।
बंद-खिड़कियाँ और दरवाजों पर दस्तक इसने लगाई है,
तपती शहर की गलियों पर चादर शीतलता की बिछाई है।
कुम्हलाये पेड़ों ने उचककर गर्दन को उठायी है,
आंधी के अविरल वेग ने सड़कों की भीड़ हटाई है।
नदियों के चित्तवन ने नभ की तस्वीर दिखाई है,
कौतुहल भरे कितने हीं मनों के घूँघट इसने सरकायी है।
वृद्ध बरगद ने प्रतीक्षा की फटकार जोड़ से लगाई है,
लताओं ने झूम कर सिफारिश की चिट्ठी बढ़ाई है।
सुखी सी फ़िज़ाओं में, मिट्टी की खुशबू अब छाई है,
एकाकी नयनों ने भूली यादों की दीवार गिरायी है।
दामिनी ने क्षितिज के आँगन में दमक फैलाई है,
भूल-चूक की माफ़ी मिली और मन के गांठों की हुई विदाई है।
झड़-झड़ कर अश्रु बह पड़े, अब बांधों की बारी आयी है,
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।

159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

कविता की मुस्कान
कविता की मुस्कान
Rambali Mishra
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
भारत रत्न , सामाजिक शिल्पकार,महान शिक्षाविद् ,बाबा साहब भीम
भारत रत्न , सामाजिक शिल्पकार,महान शिक्षाविद् ,बाबा साहब भीम
amankumar.it2006
कुछ बात
कुछ बात
ललकार भारद्वाज
धवल चाँदनी की रजनी में
धवल चाँदनी की रजनी में
शशि कांत श्रीवास्तव
"जिद और जुनून"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रिये का जन्म दिन
प्रिये का जन्म दिन
विजय कुमार अग्रवाल
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
मातृरूपेण चा जगदंबिके, कालिके मात सरस्वती,
मातृरूपेण चा जगदंबिके, कालिके मात सरस्वती,
SPK Sachin Lodhi
आज के युग में
आज के युग में "प्रेम" और "प्यार" के बीच सूक्ष्म लेकिन गहरा अ
पूर्वार्थ
अमिर - गरीब
अमिर - गरीब
krupa Kadam
अपमान
अपमान
seema sharma
अब चिंतित मन से  उबरना सीखिए।
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
राम नाम जप रे मन मेरा
राम नाम जप रे मन मेरा
संजय निराला
Education
Education
Shashi Mahajan
साथ है मेरे सफर में, ये काँटें तो अभी तक
साथ है मेरे सफर में, ये काँटें तो अभी तक
gurudeenverma198
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
Dr fauzia Naseem shad
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*
विधा-कुंडलिया छंद
विधा-कुंडलिया छंद
पूनम दीक्षित
खुश रहें, सकारात्मक रहें, जीवन की उन्नति के लिए रचनात्मक रहे
खुश रहें, सकारात्मक रहें, जीवन की उन्नति के लिए रचनात्मक रहे
PRADYUMNA AROTHIYA
मैं मन के शोर को
मैं मन के शोर को
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"समय"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
करें सभी से प्रीत
करें सभी से प्रीत
अवध किशोर 'अवधू'
व्रत
व्रत
sheema anmol
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Kumar Agarwal
तुम्हें पढ़ने के उपरांत
तुम्हें पढ़ने के उपरांत
Shreedhar
दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
कब आये कब खो गए,
कब आये कब खो गए,
sushil sarna
Loading...