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7 Jul 2024 · 1 min read

मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल

मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुलाते हो, उसी प्रकार मनुष्य में जो फल दिखे, उसे भी सहजरूप में बुलाएं। आप दुर्जन और सज्जन को निडर होकर पुकारें, बिल्कुल हनुमान और अंगद की तरह।
जय श्री सीताराम

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