बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
" गाड़ी चल पड़ी उसी रफ्तार से "
यादों की बारिश
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*किशोरी लाल चॉंदीवाले (धर्मप्राण, समाजसेवी)*
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
सजा का प्रश्न / मुसाफिर बैठा
घावों को कुरेद कर, नासूर बना रहा हूं।
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
हृदय किसलय
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।