Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2024 · 1 min read

मैं तुझसे नज़रे नहीं चुराऊंगी,

मैं तुझसे नज़रे नहीं चुराऊंगी,
वादा है तुझे अपने दिल में बसाऊंगी।

तू मुझे भूल जाए कोई बात नहीं,
पर मैं तुझे कभी नहीं भूल पाऊंगी।

अब तो आ जाओ कि और इंतजार होता नहीं,
वरना ख्वाबों में आकर तुझे सताऊंगी।

तुझे न होने दूंगी किसी का मैं,
और न मैं किसी और की हो पाऊंगी।

तुमने जो मुंह मोड़ लिया मुझसे तो तेरी कसम,
मैं जीते जी मर जाऊंगी।

2 Likes · 95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

देख विस्तार , काँपने लगे हम....
देख विस्तार , काँपने लगे हम....
sushil yadav
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
Ravi Prakash
कविता -- भारत फिर विश्व गुरु बन जाएगा
कविता -- भारत फिर विश्व गुरु बन जाएगा
Ashok Chhabra
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी har student ki dard bhari kahani guptratn ki zubani
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी har student ki dard bhari kahani guptratn ki zubani
गुप्तरत्न
कहां से लाऊं शब्द वो
कहां से लाऊं शब्द वो
Seema gupta,Alwar
माँ तेरा अहसास
माँ तेरा अहसास
श्रीकृष्ण शुक्ल
एहसास
एहसास
seema sharma
3200.*पूर्णिका*
3200.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
तुम्हें बुरी लगती हैं मेरी बातें, मेरा हर सवाल,
पूर्वार्थ
कमबख्त ये तेरे इश्क़ की गुजारिश हैं,
कमबख्त ये तेरे इश्क़ की गुजारिश हैं,
Vivek Kumar Yadav
दुनिया में फकीरों को
दुनिया में फकीरों को
Manoj Shrivastava
*यह कैसा न्याय*
*यह कैसा न्याय*
ABHA PANDEY
लड़ाई
लड़ाई
Shashank Mishra
शीर्षक - जय पितर देव
शीर्षक - जय पितर देव
Neeraj Kumar Agarwal
दोहा छंद
दोहा छंद
Vedkanti bhaskar
तुम पूछती हो
तुम पूछती हो
Jitendra kumar nagarwal
मौतों से उपजी मौत
मौतों से उपजी मौत
Dr MusafiR BaithA
सर्दी
सर्दी
Iamalpu9492
बेटियां।
बेटियां।
Taj Mohammad
Being liked and loved is a privilege,
Being liked and loved is a privilege,
Chitra Bisht
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रूठ मत जाना
रूठ मत जाना
surenderpal vaidya
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
" पुकार "
Dr. Kishan tandon kranti
In Love, Every Pain Dissolves
In Love, Every Pain Dissolves
Dhananjay Kumar
उस गली से जब भी गुजरना होता है.
उस गली से जब भी गुजरना होता है.
शिवम "सहज"
जिंदगी छोटी बहुत,घटती हर दिन रोज है
जिंदगी छोटी बहुत,घटती हर दिन रोज है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुझे फर्क पड़ता है।
मुझे फर्क पड़ता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गुरु महिमा
गुरु महिमा
Raj kumar
….
….
*प्रणय प्रभात*
Loading...